Thursday, 12 January 2017

सरकारी अस्पतालो में biometric attendance

15 फरवरी 2017 से राजस्थान के सभी सरकारी अस्पतालो में biometric attendance के सरकारी आदेश से चिकित्सा महकमे में हलचल होना लाजमी है पर मै इस फैसले का खुले दिल से स्वागत करता हु एक सरकारी चिकित्सक के रूप में और एक नागरिक के रूप में भी. साथ ही चिकित्सा मंत्री श्री कालीचरण सर्राफ को बधाई देता हु कि उन्होंने इतना मजूबत फैसला जनहित में लिया. वेसे यहाँ एक बात बताना जरूरी है कि प्रदेश के ही पाली में यह biometric attendance व्यवस्था जिले के सभी सरकारी अस्पतालो में पहले ही लागु है और सुचारू रूप से चालु है.
इस नई तकनीक का फ़ायदा प्रदेश के अस्पतालो की कार्य दशा सुधारने और प्रदेश की जनता को इसका फ़ायदा मिले इसमें किसी को कोई समस्या नहीं है, ख़ुशी होगी पहले से चिकित्सा व् स्वास्थ्य में तकनीक के उपयोग में अव्वल रहा राजस्थान एक और मील का पत्थर छूने के करीब है. और प्रधानमंत्री के Digital India के साथ माननीया मुख्यमंत्री का Digital Rajasthan कंधे से कन्धा लगा के चल रहा है. आशा है जल्दी ही अन्य सरकारी कार्यालय भी Digital Rajasthan के सपने को पूरा करेंगे. साथ ही सरकारी कार्मिको के सर्विस बुक व् ACR जेसे रिकार्ड्स भी अब digital होकर, प्रमोशन व् अन्य प्रयोजनों में अपना पुराना लेट-लतीफी वाले पुराने ढर्रे से बाहर आयेंगे.
राजस्थान के सरकारी चिकित्सक समुदाय ने हमेशा हर सरकारी आदेश/योजना का स्वागत किया और उसके सफल किर्यान्वन में अपना योगदान किया. पर चिकित्सको के हितो पे कुठाराघात लगातार जारी है कारण चाहे जो हो. 2011 की हड़ताल के अधूरे वादे, टाइम बाउंड प्रमोशन, अलग केडार, 1 टाइम opd, अन्य राज्यों की तुलना में वेतन विसंगतिया इत्यादि ज्वलंत मुद्दे अभी बाकि है. पिछले सरकार के MMNDY व् MMNJY व् इस सरकार के BSBY जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओ को सफल बनाने वाले राजस्थान के सरकारी चिकित्सक को इतना कमजोर आंकना एक बड़ी भूल होगी.
 

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