Tuesday, 15 November 2016

रूपये 500 व 1,000 की नोट बंदी और भारतीय अर्थव्यवस्था

                                          मंगलवार की शाम, देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का 40 मिनट का भाषण और भारतीय अर्थव्यवस्था इतिहास का एक ऐतिहासिक फैसला, कि भारतीय मुद्रा के दो सबसे बड़े नोट 500 व् 1,000 आज से बंद. प्रधानमंत्री के साहसिक फैसले पे प्रतिक्रिया वैसे ही हुई जैसी हर लोकतान्त्रिक देश में होती है. अधिकतर लोगो ने दिल खोलकर इस फैसले का स्वागत किया तो अन्य कुछ ने आँख बंद कर के विरोध. इसमें कोई दो राय नहीं कि यह फैसला गृहणी, नोकरी-पेशा, आम-आदमी, उद्योग, व्यापार इत्यादि पे अपना प्रभाव डालेगा. इन्ही प्रभावों पे एक नज़र.

पक्ष-

नकली मुद्रा पे काबू -
500 व् 1,000 के जेसे बड़े नोट बंद करने का सबसे ज्यादा असर, भारतीय बाज़ार में मोजूद लगभग 16 लाख करोड़ की नकली मुद्रा पे पड़ेगा. नकली मुद्रा 500 व् 1,000 के नोट के रूप में नेपाल व् बांग्लादेश के माध्यम से भारतीय बाज़ार में उतारी जाती है. जोकि जीडीपी की लगभग 20% है इन बड़े नोटों के बंद हो जाने से यह नकली मुद्रा और कुछ नहीं बस कागज के टुकड़े मात्र बन  के रह गयी है.


कालाधन पे असर -
जिन लोगो ने कालाधन 500 व् 1,000 के नोट में जमा कर रखा था उनके पास अब दो रास्ते बचे है एक तो उस धनराशी को मान्य परिचय पत्र के साथ बैंक में जमा करा के नये नोट प्राप्त करे, (ज्ञात रहे एक सीमा से ज्यादा राशी जमा करने पे आईटी का नोटिस व् जुर्माना देना पड़ेगा) या जमा कालेधन को नस्ट करे. (दूसरी अवस्था में सरकार एक समय सीमा के बाद सरकार उस मुद्रा के एवज में दुसरे नोट छाप के भरपाई कर देगी और वो रूपैया फिर से मुख्य अर्थव्यवस्था में आ जायेगा)


आतंकवाद व् नक्सलवाद पे अंकुश-
बाहरी-भीतरी आतंकवाद हो या नक्सलवाद, इनकी विध्वंशक गतिविधिया का मुख्य ईधन पैसा ही है. इनको पैसा सीमा पार से सप्लाई किया जाता है या यह लोग भारत के भीतर गैरकानूनी उगाई, तस्करी करके इकठा करते है. बड़ी मुद्रा नोट पे रोक से 26/11, पठानकोट, उरी जैसी घटनाओ के साथ ही कश्मीरी युवाओ द्वारा 'stone pelting' जैसी घटनाओ पे भी रोक लगेगी जिनके बारे में कहा जाता है कि यह लोग Rs 100/प्रतिदिन पे यह काम करते थे.

महंगाई में कमी- यदि किसी व्यक्ति पे पास कालाधन है तो वो उसकी खरीदने की क्षमता बढता है और यह वस्तुओ के भाव बड़ाती है. और व्यक्ति बड़े हुए भाव देने को भी भी राजी हो जाता है क्योकि यह उसकी खून-पेसे की कमाई नहीं होती. कालेधन पे रोक लगने से वस्तुओ के भाव में कमी आएगी और महंगाई में यह कमी उच्य-शिक्षा व् स्वास्थ्य जैसी सेवाओ को सस्ता करेगी.

अंडरवर्ल्ड पे अंकुश-हजारो करोड़ का अंडरवर्ल्ड का कारोबार कालेधन व् जाली-मुद्रा पे ही टिका है. अपरहण हो या सुपारी-हत्या अंडरवर्ल्ड में कालेधन का खूब प्रयोग होता है. नोटों पे रोक सेअंडरवर्ल्ड के कारोबार पे रोक लगेगी.

जमीन-माफिया पे अंकुश- जमीनों के सोदों की आड़ में काले-धन को खूब खपाया जाता है और जमीनों-मकानों के भाव आसमां छुते है. प्रधानमंत्री का यह कदम निश्चय ही जमीन-माफिया व् जमीन से जुड़े भ्रस्टाचार पे रोक लगायेगा और प्लाट-मकान खरीदना आम आदमी के लिए आसान होगा.

कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा- नोटों बंदी के साथ ही रोजाना व् साप्ताहिक ATM व् बैंक में कैश आहरण की सीमा तय की गयी है. यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था को कैशलेस की तरफ बढायेगा. जिसमे अनेको फ़ायदे है जैसे
नकली नोटों पे अंकुश, 
नोट छपाई पे कम खर्चा, 
सस्ता नोट पेपर 
सभी लेनदेन पे सरकार कि नज़र इत्यादि. 
विपक्ष-
- बैंक व् ATM पे लम्बी लाइन लगेगी, लोग अपने पुराने नोट बदलने/जमा करने के साथ ही नये नोट भी निकालेंगे और भारत के अपर्याप्त बैंकिंग ढांचा को देखते हुए बैंको पे मारा-मारी होना लाजमी है. रोजाना मजदूरी करके पेट भरने वालो के लिए दिन भर बैंक की लाइन में लगना एक मुश्किल कार्य होगा.
- ग्रामीण भारत में बैंकिंग व्यवस्था के साथ साथ मोद्रिक ज्ञान की कमी को देखते हुई, जब उन्हें पता चलेगा कि उनका 500, 1,000 का नोट किसी काम का नहीं रहा, तो ग्रामीण जनों में भय का माहोल बनेगा. 
- सभी पुराने नोटों को बंद कर के नये नोट जारी करने में अच्छा-खासा खर्चा  लगेगा. कैशलेस लेनदेन के बडावे को देखते है नोटों के पेपर-क्वालिटी में अंतर देखा जा सकता है.
- भारत की जनता और आधारभूत ढांचा अभी पूर्णरूप से कैशलेस लेनदेन के लिए तैयार नहीं है. अपूर्ण बैंक पेठ, इन्टरनेट सेवाओ का मुद्दा, मोद्रिक ज्ञान की कमी, तकनीक की जानकारी की कमी इत्यादि अनेक कारण है.
- अन्य रूप में जमा कालेधन पे यह योजना कारगर नहीं होगी जैसे किसी ने सोने खरीद रखा है या किसी ने विदेश में विदेशी मुद्रा के रूप में कालाधन जमा करा रखा है इत्यादि.
-विपक्ष का राजनीतिक लाभ के लिए जनता को गुमराह करना- बिना किसी पूर्व सुचना के नोट बंद कर देने से जनता को कुछ समय के लिए असुविधा हो सकती है उसका विपक्षी पार्टिया लाभ लेने से पीछे नहीं रहेगी.

विशेष बाते-
- आप अपने पुराने नोट 30 दिसम्बर तक जमा करवा सकते है.
- पुराने 500, 1,000 के नोट 24 नवम्बर तक पेट्रोल पंप, हॉस्पिटल्स व् अन्य उपयोगी सेवाओ के लिए काम में लिए जा सकते है.
- 18 नवम्बर की मध्यरात्रि तक सभी टोल नाके फ्री.

सारांश - पहले भारत सरकार से यह पूछा जाता था कि आप काले धन पे कुछ क्यों नहीं कर रहे? अब जब सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला ले लिया तो शुरुवाती कठिनाइयों को नज़रंदाज़ करते हुए हमे सरकार के इस फैसले का साथ देना चाहिए.

मै आने वाले सुनहेरे कल के लिए कुछ  दिनों का कष्ट सहने को तैयार हु और आप?

डॉ. देवराज राव






3 comments:

  1. It's a great step to new INDIA and a new innings for every INDIAN as they all will be treated equally. And hopefully we will witness a new and developed INDIA Soon.

    When our soldiers die at the border for us to be relax and to have the feel of independent INDIA, Then we people will not be able to struggle for 50 days, infact I am ready to struggle for a year also if this gives me and our upcoming generation a new Developed Country.
    Great step taken by PM.
    Jai Hind...

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